Faridkot Wala Teeka

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पूरब जनम मैण 'तोखर' पोथी का बेटा नामदेव था तिस को मार क्रिशन जी ने कंस
के बसत्र पहर लीए इहु गालोण मैण रहा था क्रिसन जी की बंसी का गानु था सो संसकार
फुरे तिसकर क्रिसन अर बंसी को धंनता कही॥
माली गअुड़ा बांणी भगत नामदेव जी की
ੴ सतिगुर प्रसादि ॥
धनि धंनि ओ राम बेनु बाजै ॥
मधुर मधुर धुनि अनहत गाजै ॥१॥ रहाअु ॥
धंन राम बलभद्र औ धंन अुह क्रिसन है धंनि ओह बंसी है जो क्रिसन जी के अधरो
सेण लागकै अधराम्रत पान करती हूई बाजती है औ मिठी मिठी धुनी करके एक रसबाज
रही है॥
धनि धनि मेघा रोमावली ॥
धनि धनि क्रिसन ओढै कांबली ॥१॥
धंन है (मेघा) भेडू अरथात छत्रा औ धंन अुस की (रोमावली) अुज़न है पुना धंन
अुनकी कंबली है औ धंन ही क्रिसन जी कंबली ओढंे वाले हन॥१॥
धनि धनि तू माता देवकी ॥
जिह ग्रिह रमईआ कवलापती ॥२॥
हे माता देवकी तूं धंनि हैण जिसके ग्रहि मैण रमईए कमलापती ने जनम लीआ है
औ धंन माता जसोधां है जिसके ग्रह मैण बाल चरित्र कीए हैण॥२॥
धनि धनि बन खंड बिंद्राबना ॥
जह खेलै स्री नाराइना ॥३॥
धंनि बन असथान है औ धंन ब्रिंद्राबन सहर है जहां स्री नाराइं खेले हैण॥३॥
बेनु बजावै गोधनु चरै ॥
नामे का सुआमी आनद करै ॥४॥१॥
जिस असथानोण मैण बंसरी बजावता रहा है औ (गोधनु) गअूआण रूप माल चरावता
रहा है नाम देव जी कहिते हैण जहां मेरा सामी आनंद करता रहा है सभ असथान धंनता
योग हैण॥४॥१॥
मेरोबापु माधअु तू धनु केसौ सांवलीओ बीठुलाइ ॥१॥ रहाअु ॥
हे मेरे बाप माधव हे केसव सावले (बीठुलाइ) भगवंत तूं धंनता योग हैण॥
कर धरे चक्र बैकुंठ ते आए गज हसती के प्रान अुधारीअले ॥
हाथ मैण चक्र धार के वैकुंठ से आए हे सिरोमणी हसती के वा गज के हसती के
प्राण तंदूए से राख लीए॥
दुहसासन की सभा द्रोपती अंबर लेत अुबारीअले ॥१॥
द्रयोधन की सभा मैण दुहसासन ने नगन करने की इछा (की) कीती सो दुसट
द्रोपती के बसत्र लेते थे तिन ते द्रोपती को तैने रखलीआ॥१॥
गोतम नारि अहलिआ तारी पावन केतक तारीअले ॥

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