Sri Nanak Prakash

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कंबु१ जैसी काशमीर भली भांति झूलीआ
पारद सी२ बदादि, नारद३ सी भज़खरादि
गंगा कैसी धार भई गंग जू के कूलीआ४
चौर जैसी चारोण दिसि सोहे सभि सीस पर
सात दीप मज़ध मैणमराल पांति५ भूलीआ ॥५७॥
अमल कमल जैसी काणशी मैण बिराजमान
सुधा६ सम सुधासर७, दिज़ली दूध८ सोहीए
जौन्ह९ जैसी जोधपुर, शेश१० सी११ सुमेरु पर
चंदन सी चीन औ मचीन मांहि जोहीए
१२निपाल मैण निहज़कसी१३, कमाअू१४ मैण कपास१५ सी
हिसार कोट हिम१६ सी१७ सुखद१८ अवरोहीए
१९आठोण दिगपालन२० के दसन२१ पै जाइ टिकी
जहां तहिण देखीए सभिनि मन मोहीए ॥५८॥
लखनअू सारद२२ सी२३, लवपुरि१ वारिद२ सी


१संख
२पारे वरगी
३नारद दा रंग चिज़टा है
४गंगा किनारे
५हंसां दी पंकती (वाणगू)
६अंम्रत
७स्री अंम्रतसर विच
८दुज़ध वरगी
९चांदनी
१०शेश नाग
११जेही
१२वेखीदी है
१३हीरे जेही
१४पहाड़ है (अ) कामरूप
१५कुपाह
१६बरफ
१७जेही
१८सुख देणे वाली
१९वेखीदी है
२०दिशापाल हाथीआण
२१दंदां
२२सरसुती
२३जेही

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