Sri Gur Pratap Suraj Granth

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स्री गुर प्रताप सूरज ग्रंथ (राशि १) ४९४

तहिण श्री क्रिशन रूप दरसाई-।
इम निशचै करि भोजन खायो।
हटो तहां ते प्रेम बढायो ॥४७॥
इति श्री गुर प्रताप सूरज ग्रिंथे प्रथम रासे माईदास बैशनो प्रसंग
बरनन नाम दोइ पंचासती अंसू ॥५२॥

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