Sri Gur Pratap Suraj Granth

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स्री गुर प्रताप सूरज ग्रंथ (राशि १) ३९८

गुर को बाक सदा सुफलावै।
नहीण सुरासुर को अुलटावै ॥७२॥
इति श्री गुर प्रताप सूरज ग्रिंथे प्रथम रासे बीरबल प्रसंग बरनन
नाम एकचज़तारिंसती अंसू ॥४१॥

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